
मंत्री पद से छिटके जिला कांगड़ा को बोर्ड और निगमों में महत्वपूर्ण पद देकर भरपाई की जा रही है। सुक्खू सरकार ने डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का पद सौंपने के साथ ही काफी हद तक इन इसकी भरपाई की है।
देहरा से पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का चेयरमैन बनाकर मुख्यमंत्री सुखविद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा में कांग्रेस के गढ़ को मजबूत करने का प्रयास किया है। मंत्री पद से छिटके जिला कांगड़ा को बोर्ड और निगमों में महत्वपूर्ण पद देकर भरपाई की जा रही है। जिला कांगड़ा से कांग्रेस सरकार में अब तक कांग्रेस से संबंध रखने वाले सात लोगों को अहम जिम्मेदारी मिल चुकी है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार पर जिला कांगड़ा की मंत्रिमंडल में अनदेखी के लगातार आरोप लग रहे थे। लेकिन डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का पद सौंपने के साथ ही काफी हद तक इन इसकी भरपाई की है।
मंत्री पद से छिटके जिला कांगड़ा को बोर्ड और निगमों में महत्वपूर्ण पद देकर भरपाई की जा रही है। सुक्खू सरकार ने डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का पद सौंपने के साथ ही काफी हद तक इन इसकी भरपाई की है।
देहरा से पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का चेयरमैन बनाकर मुख्यमंत्री सुखविद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा में कांग्रेस के गढ़ को मजबूत करने का प्रयास किया है। मंत्री पद से छिटके जिला कांगड़ा को बोर्ड और निगमों में महत्वपूर्ण पद देकर भरपाई की जा रही है। जिला कांगड़ा से कांग्रेस सरकार में अब तक कांग्रेस से संबंध रखने वाले सात लोगों को अहम जिम्मेदारी मिल चुकी है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार पर जिला कांगड़ा की मंत्रिमंडल में अनदेखी के लगातार आरोप लग रहे थे। लेकिन डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का पद सौंपने के साथ ही काफी हद तक इन इसकी भरपाई की है।
जिले से अब तक ज्वालामुखी से नरदेव कंवर को कामगार कल्याण बोर्ड का चेयरमैन, धर्मशाला से मनोज कुमार को हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन का चेयरमैन, कांगड़ा के नीशू माेंगरा को एपीएमसी का चेयरमैन, कांगड़ा के ही अजय वर्मा को हिमाचल पथ परिवहन निगम में उपाध्यक्ष, सुलह के संजय चौहान को कृषि विकास बैंक कांगड़ा का चेयरमैन और विशाल चंबियाल को औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष का अहम दायित्व सौंपा गया है। जिले को सात अहम पद देने से मुख्यमंत्री ने जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा है। जातीय समीकरणों में मुख्यमंत्री ने राजपूत, ब्राह्मण, गद्दी और ओबीसी समुदाय से संबंधित लोगों को अहम जिम्मेदारी दी है। मुख्यमंत्री का कांगड़ा में जातीय समीकरणों में संतुलन बनाने का भी प्रयास रहा है।